History about Panhala Fort

एक ऐसा किला जो सांपों की तरह दिखा है जहा छत्रपति शिवाजी ने 500 दिन गुजारे थे – जानिए यहाँ

इतिहास में आपने कही किलो के बारे में सुना होगा देखा होगा लेकिन क्या आपने पन्हाला का किला देखा है जो सांपों की तरह दीखता है। इस किले में छत्रपति शिवाजी ने 500 दिन बिताये थे। इस किले का निर्माण ऐसा किया गया है की ये किला सांपों की तरह दीखता है। यह किला 3127 फीट की उचाई पर स्थित है और इसके आस पास के नज़ारे बहुत खूबसूरत दिखाई देता है। अगर आप ऐसी ऐतिहासिक जगह देखना पसंद करते है तो पन्हाला का किला देखने जरूर जाये।

Panhala Fort

Panhala Fort की खूबसूरती –

इस किले के चारो तरफ हरयाली और पहाड़ नज़र आते है। Panhala Fort महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास सह्याद्री पर्वत पर स्थित है। इस किले की सुंदरता को देखकर यह पता लगाया जा सकता है की ये किला कितना प्राचीन माना गया होगा और आज भी इसे प्राचीन माना जाता है। Learn More

Panhala Fort का रहस्य –

इस किले में कई लड़ाई युद्ध हुए है और इसके गवाह में अवशेष मिले है , जिनमे मराठा, मुग़ल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी शामिल है। क्या आप जानते है की इसी किले में कोल्हापुर की रानी ताराबाई ने अपने शासनकाल के प्रारंभिक साल बिताये थे। इस किले की रेखा सिमा 14 km है, बताया जाता है की इसके निचे कही सुंरंगे है। यह किला कोल्हापुर रत्नागिरी मार्ग पर स्थित है।

Panhala Fort Information

Panhala Fort का निर्माण –

इस किले का निर्माण 1178 व 1209 ईसवी के बिच बनाया गया था। किले का निर्माण शिलाहार शासक भोज द्वितीय ने करवाया था। ऐसा कहा जाता है की ‘कहां राजा भोज’ कहा गंगू तेली’ वाली कहावत भी इसी किले से जुडी हुई है। इस किले की स्थापत्य शैली बीजापुर स्थापत्य शैली है। किले में स्मृतिचिह्न बनाये गए है जैसे – अंधर भवड़ी, अंबरखाना, कलावंतीचा महल, सज्जा कोठी, महान द्वार और राजदिंडी गढ़ शामिल है। Panhala Fort को सांपों का किला भी कहा जाता है।

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